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Thursday, 14 January 2016

मकर संक्रांति

सन 2016 का प्रथम पर्व यानि सूर्य पर्व मकर संक्रांति 15 जनवरी सन 2015 को पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जायेगा .दिनांक 14 जनवरी 2016 पौष मास शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि गुरुवार को मध्य रात्रि 1 बज कर 26 मिनट पर भगवान सूर्य मकर राशि मे प्रवेश करेंगे अर्थात मकर संक्रांति लगेगी । सक्रांति प्रवेश काल अर्धरात्रि बाद होने से संक्रांति का पुण्यकाल अगले दिन शुक्रवार 15 जनवरी को सूर्योदय से सायंकाल 5 बज कर 26 मिनट तक रहेगा । चूंकि संक्रांति काल रात्रिकाल में है, इसलिए 14 जनवरी का कोई महत्व नहीं रहेगा,विषेष पुण्य काल 15 जनवरी को दोपहर 1:30 तक रहेगा एवं सामान्य पुण्यकाल सूर्यास्त तक रहेगा। उदय काल में संक्रांति का पुण्यकाल श्रेष्ठ माना गया है। इसी दिन दान-पुण्य का महत्व माना गया है। इसलिए 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी ।
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभ कामनाये ......

मकर संक्रांति का रूप और इसका देश पर,आम जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा जानिये पंडित मुकेश शास्त्री जी से -


सन 2016 मे संक्रांति वराह पर खड़ी होकर माली के घर मे प्रवेश कर रही है । इस बार सक्रांति का वाहन वराह और वृषभ अर्थात बैल है ,इसका वारनाम मंदा होने से शिक्षाविदों ,विद्वान लोगो ,वैज्ञानिको के लिए शुभफल देने वाला रहेगा । नक्षत्र नाम घोरा होने से अल्पसंख्यक ,आदिवासी लोगो को भरपूर लाभ प्राप्त होगा । सर्पजाति की यह संक्रांति शरीर पर लाल चन्दन का लेप लगाकर नील रंग के वस्त्र और वकुल के पुष्प की माला धारण करके हाथ मे तलवार लेकर ताम्बे के पात्र मे भिक्षा से प्राप्त अन्नादि का भोजन करते हुए वराह पर खड़ी अपनी गतालकावस्था मे रात्रि के तृतीय याम मे प्रवेश कर रही है जिससे फिल्मी जगत और मार्केटिंग के लोगो को अशुभ परिणाम प्राप्त होंगे । वाहन ,अस्त्र-शस्त्र और कपडे से जुड़े व्यापारिओं को लाभ काम प्राप्त होगा । राजनितिक पार्टियो , नेतागणों , मंत्री , राजपत्रित अधिकारिओ के लिए भी अशुभ फलदायक रहेगी । यह संक्रांति रात्रि मे होने से यह आतंकवादीओ,देशद्रोही,अलगाववादीओ के लिए कष्टकारक रहेगी अर्थात इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी ।इस वर्ष उत्तम वर्षा का योग बनता है । खाने की चीजो के दाम काम होंगे ।