निश्चिंत रहें, कल भी दुनिया आज जैसी ही रहेगी.....
क्या 21 दिसंबर 2012 को, यानी कल दुनिया खत्म हो जाएगी? एक बार फिर से यह सवाल पूरी दुनिया में बहस का मुद्दा बन गया है। तारीख नजदीक आने के साथ ही भविष्यवाणियों, अनुमानों और दावों का नया दौर चल पड़ा है। इस बहस को दो तर्कों के आधार पर हवा दी जा रही है, जिनमें एक है माया सभ्यता (ईसा पूर्व 300-900) का कैलेंडर, और दूसरा माइकल द नास्त्रेदमस (1503-1566 ई.) की भविष्यवाणी।
माया सभ्यता मैक्सिको, पश्चिमी होंडुरास और अल सल्वाडोर के आदिवासी इलाकों में चली आ रही पुरानी सभ्यता है। हजारों साल पहले बनाए गए इस सभ्यता के कैलेंडर में 21 दिसंबर 2012 के आगे किसी तारीख का कोई जिक्र नहीं है। इस वजह से माना जा रहा था कि इस दिन पूरी दुनिया समाप्त हो जाएगी। माया कैलेंडर की एक व्याख्या के मुताबिक 21 दिसंबर 2012 में एक ग्रह पृथ्वी से टकराएगा, जिससे सारी धरती खत्म हो जाएगी।
लेकिन आप सभी मित्र निश्चिंत रहे ......सारी भविष्यवाणी सच नहीं होती ...अगले कई अरब वर्ष तक पृथ्वी पर मानव सभ्यता के अंत का कारण बनने वाली कोई भी प्रलयकारी आपदा नहीं आएगी।
क्या 21 दिसंबर 2012 को, यानी कल दुनिया खत्म हो जाएगी? एक बार फिर से यह सवाल पूरी दुनिया में बहस का मुद्दा बन गया है। तारीख नजदीक आने के साथ ही भविष्यवाणियों, अनुमानों और दावों का नया दौर चल पड़ा है। इस बहस को दो तर्कों के आधार पर हवा दी जा रही है, जिनमें एक है माया सभ्यता (ईसा पूर्व 300-900) का कैलेंडर, और दूसरा माइकल द नास्त्रेदमस (1503-1566 ई.) की भविष्यवाणी।
माया सभ्यता मैक्सिको, पश्चिमी होंडुरास और अल सल्वाडोर के आदिवासी इलाकों में चली आ रही पुरानी सभ्यता है। हजारों साल पहले बनाए गए इस सभ्यता के कैलेंडर में 21 दिसंबर 2012 के आगे किसी तारीख का कोई जिक्र नहीं है। इस वजह से माना जा रहा था कि इस दिन पूरी दुनिया समाप्त हो जाएगी। माया कैलेंडर की एक व्याख्या के मुताबिक 21 दिसंबर 2012 में एक ग्रह पृथ्वी से टकराएगा, जिससे सारी धरती खत्म हो जाएगी।
लेकिन आप सभी मित्र निश्चिंत रहे ......सारी भविष्यवाणी सच नहीं होती ...अगले कई अरब वर्ष तक पृथ्वी पर मानव सभ्यता के अंत का कारण बनने वाली कोई भी प्रलयकारी आपदा नहीं आएगी।
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