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Saturday, 18 August 2012

मनुष्य का जीवन हवा के झोकों के समान है

मनुष्य का जीवन हवा के झोकों के समान है, लहरों के समान चंचल है। आपत्ति विपत्तियों से घिरा हुआ है। ऐसा कुछ भी नहीं है जो हमें शाश्वत सुख दे सके। सुख दु:ख का मूल आत्मा ही है। इस संसार में आत्मा ही एक मूल्यवान धरोहर है, जो परमात्मा का अंश है। आत्मा ही शाश्वत तत्व है-यही सदा साथ देगी....

ॐ जय माता दी ॐ

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