पुत्र, स्त्री और धन से सच्ची तृप्ति नहीं हो सकती| यदि होती तो अब तक किसी-न-किसी योनि में हो ही जाती |
सच्ची तृप्ति का विषय है केवल परमात्मा , जिसके मिल जाने पर जीव सदा के लिए तृप्त हो जाता है...!!
ॐ जय माता दी ॐ
सच्ची तृप्ति का विषय है केवल परमात्मा , जिसके मिल जाने पर जीव सदा के लिए तृप्त हो जाता है...!!
ॐ जय माता दी ॐ
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