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Sunday, 19 August 2012

पुत्र, स्त्री और धन से सच्ची तृप्ति नहीं हो सकती

पुत्र, स्त्री और धन से सच्ची तृप्ति नहीं हो सकती| यदि होती तो अब तक किसी-न-किसी योनि में हो ही जाती | 
सच्ची तृप्ति का विषय है केवल परमात्मा , जिसके मिल जाने पर जीव सदा के लिए तृप्त हो जाता है...!!

ॐ जय माता दी ॐ

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