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Monday, 1 October 2012

वहां भी हमें फेवर चाहिए....

क्या हमने सोचा है कि भ्रष्टाचार खत्म होने के बाद जो फेवर हमें अभी मिल रहे हैं, हम उनके बिना रहने के लिए तैयार हैं?
हम किसी सरकारी या प्राइवेट कंपनी में आठ घंटे की नौकरी करते हैं, तो उसी समय में हम घर के सभी जरूरी काम निपटाना चाहते हैं। अपने बच्चे के एडमिशन में हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे को प्राथमिकता मिले, इसके लिए हम पैसे से लेकर अपने सारे सोर्सेज इस्तेमाल करते हैं। कॉलेज में एडमिशन के लिए भी हमने तमाम दूसरे रास्ते तलाश रखे हैं। अस्पतालों में लाइन में लगने की हमारी आदत अब नहीं रही है। वहां भी हमें फेवर चाहिए....

ॐ जय माता दी ॐ

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