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Thursday, 1 November 2012

जागो बंसीवारे ललना जागो मोरे प्यारे ..

मनुष्य का जीवन दुर्लभ भी है और अनिश्चत भी है। अनेक महापुरुषों ने अपने जीवन में ही ज्ञान प्राप्त कर और मानव कल्याण के कार्य कर भगवान का दर्जा पाया है, परंतु अधिकांश लोगों को पता ही नहीं चलता कि कब बाल्यावस्था गई, कब युवावस्था और बुढ़ापा आ गया। अंत समय में मात्र यह पछतावा बचता है कि यह काम रह गया था या कुछ यादगार कार्य कर सकते थे........

जागो बंसीवारे ललना जागो मोरे प्यारे ..

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