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Sunday, 11 November 2012

रूप चतुर्दशी - नरक चतुर्दशी पर कैसे करे पूजा .....


रूप चतुर्दशी - नरक चतुर्दशी पर कैसे करे पूजा .....
दीपोत्सव का दूसरा दिन नरक चतुर्दशी अथवा रूपचौदस होता है। इस बार यह त्यौहार कल यानि सोमवार को मनाया जायेगा .इस दिन सूर्योदय से पूर्व शरीर पर तेल लगाकर स्नान करना चाहिए। सूर्योदय के पश्चात स्नान करने वाले के वर्षभर के शुभ कार्य नष्ट हो जाते हैं। स्नान के पश्चात दक्षिण मुख करके यमराज से प्रार्थना करने पर व्यक्ति के वर्ष भर के पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन विष्णु भगवन की पूजा का भी बहुत महत्व है।

इस दिन सायंकाल देवताओं का पूजन करके घरबाहरसड़क आदि प्रत्येक स्थान पर दीपक जलाकर रखना चाहिए। पाँच दिवसीय इस पर्व का प्रमुख पर्व लक्ष्मी पूजन अथवा दीपावली होता है। इस दिन रात्रि को जागरण करके धन की देवी लक्ष्मी माता का पूजन विधिपूर्वक करना चाहिए एवं घर के प्रत्येक स्थान को स्वच्छ करके वहाँ दीपक लगाना चाहिएजिससे घर में लक्ष्मी का वास एवं दरिद्रता का नाश होता है।

इस दिन देवी लक्ष्मीभगवान गणेश तथा द्रव्यआभूषण आदि का पूजन करके 13 अथवा 26 दीपकों के मध्य एक तेल का दीपक रखकर उसकी चारों बातियों को प्रज्वलित करना चाहिए एवं दीपमालिका का पूजन करके उन दीपों को घर में प्रत्येक स्थान पर रखें एवं चार बातियों वाला दीपक रातभर जलता रहे ऐसा प्रयास करें।
आप सभी मित्रो को रूप चतुर्दशी, नरक चतुर्दशी , छोटी दीपावली की बहुत बहुत शुभ,मंगल कामनाये .....

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