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Wednesday, 19 December 2012

शर्म का यह सिलसला आखिर कब तक चलेगा ???

शर्म का यह सिलसला आखिर कब तक चलेगा ???
बड़ी मुश्किल से स्त्रियों को अपने दायरे से बाहर निकलने की स्वतंत्रता प्राप्त हुई है। अब डर इस बात का है कि महिलाओं की सुरक्षा पर मंडराते खतरे से घबराकर समाज कहीं फिर उन्हें चहारदीवारी में बंद न करने लगे, या औरतें खुद ही अपने कदम पीछे न खींच लें। एक समाज के रूप में यह हमारी असफलता होगी.....

ॐ जय माता दी ॐ

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