मित्रो ! जिंदगी जिंदादिली का नाम है। और इसे खुशनुमा बनाना हम पर निर्भर करता है। ईश्वर के प्रति समर्पण का भाव हमारे भीतर संतोष का गुण विकसित करता है। धूप-छांव की तरह सुख-दुख तो आने ही है, लेकिन दोनों ही स्थितियों में जीवन खुशनुमा रहे, इसके लिए जरूरी है कि हम अपने भीतर जिंदगी के प्रति खुशी और संतोष का भाव विकसित करें...
ॐ जय माता दी ॐ
ॐ जय माता दी ॐ
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