शुभ विक्रम संम्वत 2069 विश्वावसुनाम संवत्सर शाके 1834 श्रावन मासे शुक्ल पक्षे । दक्षिणायन। वर्षा ऋतु। चतुर्दशी तिथि सुबह ११ बजे तक उसके उपरान्त पूर्णिमा तिथि का आरंभ। उत्तरा षडा नक्षत्र रात्रि 10 बजकर २० मिनट तक उसके उपरान्त श्रवन नक्षत्र का आरंभ। प्रीती योग रात्रि 11 बजकर 44 मिनट तक | वणिज करण सुबह ११ बजे तक उसके उपरान्त बव करण का आरंभ। चन्द्रमा मकर राशि में संचार करेगा।
प्रमुख व्रत पर्व - आज ही नारायाली पूर्णिमा, पूर्णिमा वर्त ।
सूर्योदय - 05 बजकर 55 मिनट प्रात:, सूर्यास्त - 07 बजकर 11 मिनट
राहुकाल – दोपहर 12.00 बजे से 01-30 बजे तक
यात्रा – बुधवार को उत्तर दिशा की और यात्रा मे दिशा शूल होता है.
अर्थात इस दिन इन दिशायो की और यात्रा नहीं करनी चाहिए| अगर यात्रा करनी आवश्यक हो तो आज के दिन धनिया या तिल खाकर यात्रा पर निकलने से दिशा शूल का दोष नहीं लगता है . और आपकी यात्रा बिना किसी विघ्न के पूर्ण हो जाती है
सौजन्य - पंडित मुकेश शास्त्री, राज ज्यो पंडित मदन लाल शास्त्री स्मृति ज्योतिष केंद्र, जयपुर।
प्रमुख व्रत पर्व - आज ही नारायाली पूर्णिमा, पूर्णिमा वर्त ।
सूर्योदय - 05 बजकर 55 मिनट प्रात:, सूर्यास्त - 07 बजकर 11 मिनट
राहुकाल – दोपहर 12.00 बजे से 01-30 बजे तक
यात्रा – बुधवार को उत्तर दिशा की और यात्रा मे दिशा शूल होता है.
अर्थात इस दिन इन दिशायो की और यात्रा नहीं करनी चाहिए| अगर यात्रा करनी आवश्यक हो तो आज के दिन धनिया या तिल खाकर यात्रा पर निकलने से दिशा शूल का दोष नहीं लगता है . और आपकी यात्रा बिना किसी विघ्न के पूर्ण हो जाती है
सौजन्य - पंडित मुकेश शास्त्री, राज ज्यो पंडित मदन लाल शास्त्री स्मृति ज्योतिष केंद्र, जयपुर।
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