हमारे नेता कभी रिटायर नहीं होते। हमने कभी नहीं सुना है कि कोई मंत्री या मुख्यमंत्री रिटायर हो गया हो। आखिर क्या वजह है कि हमारे नेता - मंत्री न टायर होते हैं न रिटायर। हां , कभी - कभी रिटायर्ड हर्ट जरूर हो जाते हैं। वह भी अपनी मर्जी से नहीं। रिटायर्ड हर्ट होने का संबंध उम्र से कतई नहीं है। रिटायर्ड हर्ट होने का एक फायदा है। वे दोबारा मंत्री पद पर बैटिंग कर सकते हैं। यह इस बात पर डिपेंड करेगा कि उ
सकी चोट कितनी गहरी है। चोट की गहराई घाव या मर्ज की गंभीरता से तय नहीं होती। भारतीय राजनीति में इस तरह की चोट की गहराई जनता की याददाश्त पर निर्भर करती है। जिस दिन जनता भूल जाएगी या पार्टी को लगेगा कि जनता भूल गई है उसी दिन उनकी वापसी हो जाएगी। इसका उम्र से कोई लेना - देना नहीं.....
बोलो गजानंद महाराज की जय.......
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