प्रेम प्रभु की दी गई ऐसी अनमोल देन है जिसका जितना अधिक प्रयोग करो उतना ही बढ़ता जाता है। प्रभु की अन्य देन जैसे हवा, पानी, प्रकाश आदि भी इतनी प्रचुरता में उपलब्ध हैं कि बाटते-बाटते थक जाओगे, लेकिन फिर भी यही सोचोगे कि जो दिया वह कम था।इसके लिए किसी भाषा विशेष की नहीं, बल्कि भाव की आवश्यकता है.......
ॐ जय माता दी ॐ
ॐ जय माता दी ॐ
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ReplyDeletedhanyavad--Pd ji,,,very usefull,,,
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