समाज गुणों की कद्र करता है और अवगुणों को हेय द्रष्टि से देखता इसीलिए गुणों की बखान तो खूब की जाती है. अवगुणों के बारे मौन रहते है. यदि अवगुणों को सार्वजनिक करने का साहस हो तो लोक लज्जा के भय से कुछ अवगुण तो कम ही हो ही सकते है. किन्तु ऐसा साहस बहुत कम लोग ही दिखा पायेंगे और अवगुण किसी न किसी रास्ते से बाहर निकलकर समाज का अहित ही करेंगे.....
ॐ जय माता दी ॐ
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